Saturday 2 April 2016

POEM

चलती का नाम ज़िन्दगी

ज़िन्दगी चलती ही जाती है,
कभी हस्ती है ,तो कभी हसाती है,
कभी खुद भी रोती है ,तो कभी हमें भी रुलाती है,
ज़िन्दगी चलती ही जाती है।

ज़िन्दगी चलती ही जाती है ,
कोई इसे जीता है ,
तो कोई काटता है।
तो कोई इसे पूरी दुनिया के  साथ  बांटता  है,
पर फिर भी ज़िन्दगी तो चलती ही जाती  है। 

ज़िन्दगी में न जाने कितने मोड़  आएंगे ,
कभी हम  दुःख सहेंगे तो कभी ख़ुशी में खो जाएेंगे ,
ऐसे ही है ज़िन्दगी एक अजीब सी पहेली ,
न जाने कहाँ तक ले जाएेगी  हमे ,
क्या कभी हमारे काबू में रहेगी ,
या चलती ही जाएगी ये ज़िन्दगी। 

ऐसी  ज़िन्दगी बस कुछ  लोग ही जीते हैं ,
बाकि सब तो बस  काटते  हैं,
पर  कोई नहीं समझता इस ज़िन्दगी की खुशियां ,
अगर जियोगे तो जीना सीख  जाओगे ,
अगर नहीं जियोगे तो जीते जी मर भी जाओगे। 

तो जीयो अपना हर पल ,
ज़िन्दगी के पार  चलो ,
क्योकि ज़िन्दगी तो चलती ही जाएगी ,
न तुम्हे रुकने देगी , न खुद रुकेगी,
क्योकि ज़िन्दगी तो चलते ही जाएगी,
ज़िन्दगी तो चलती ही जाती  है। 


WRITTEN BY - KRITIKA

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